पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने में भारत का एक जांबाज सहीद हो गया।

Unknown 14:44

पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने में भारत का एक जांबाज सहीद हो  गया। ये वही गुरनाम सिंह नाम का जांबाज सैनिक है, जिसने अपनी बहादुरी से पाकिस्तान के आतंकियों के पांव उखाड़ दिए थे।



जब आतंकी घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे तो उन पर करारा हमला किया था। जबाव में पाकिस्तानी स्नाइपर्स ने गोली मारकर बदला लेने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान को ये बदला लेना महंगा पड़ गया।


20 अक्टूबर की रात जब आतंकियों ने नापाक इरादों के साथ हिंदुस्तान में घुसने की कोशिश की थी, तो ये गुरनाम ही थे जिन्होंने आतंकियों को भागने पर मजबूर किया था। बॉर्डर पर तैनात गुरनाम को गुरुवार की रात नाइट विजन कैमरे में आतंकी दिखे तो गुरनाम ने उन पर फायर किया। गुरनाम की इसी बहादुरी से तिलमिलाए पाकिस्तानी सैनिकों ने उनपर हमला कर उन्हें जख्मी कर दिया।


वर्दी की शान क्या होती है ये कोई कॉन्सटेबल गुरनाम सिंह से सीखे। वो सो रहे हों या फिर जाग रहे हों, हर समय रायफल उनके साथ रहती है। सरहद की रक्षा करते वक्त गुरनाम सिंह सबकुछ भूल जाते हैं, याद रहता है तो सिर्फ देश की रक्षा का फर्ज़।


19-20 अक्टूबर की रात को भी गुरनाम सिंह इंटरनेशनल बॉर्डर पर ड्यूटी दे रहे थे। तभी पाकिस्तान की तरफ से कुछ घुसपैठियों ने बोबिया गांव में घुसने की कोशिश की। ड्यूटी पर तैनात गुरनाम सिंह ने दुश्मन की हरकत को भांप लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गुरनाम सिंह की फायरिंग में एक आतंकी मारा गया और दूसरा घायल हो गया।


21 अक्टूबर को सीमा पार पाकिस्तान के चिनार रेंजर्स मोर्चा संभाले हुए थे। उन्में से एक स्नापयर ने भारतीय पोस्ट पर तैनात कॉन्सटेबल गुरनाम सिंह पर निशाना साधा, जिससे गुरनाम बुरी तरह घायल हो गए। उनके सिर पर गोली लगी। बीएसएफ के जवानों ने कवर फायर देकर गुरनाम सिंह को रेस्क्यू किया। उनका इलाज चल रहा है। गुरनाम की बहन ने अपील की है कि उनके बहादुर भाई को बेहतर से बेहतर इलाज मुहैय्या कराई जाए।


19-20 अक्टूबर की रात दुश्मनों के दांत खट्टे करने के बाद उन्होंने अपने घर फोन किया था और अपनी दिलेरी की कहानी भी सुनाई थी। परिवार को जहां बेटे की बहादुरी पर गर्व है वहीं बीएसएफ को भी गुरनाम पर नाज़ है। गुरनाम सिंह एक महीने पहले घर आए थे और शादी का जिक्र करने पर ये कहा था कि फिलहाल दो साल तक वो शादी नहीं करेंगे। बॉर्डर पर तैनात होने की वजह से जब उनकी मां को नींद नहीं आती थी तो वो अपनी मां से कहते थे कि उसकी चिंता न करें क्योंकि बॉर्डर ही उनकी जिंदगी है। 

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