बाज़ार में छाई देसी मूर्तियाँ.चीनी माल के विरोध का असर ,अपने प्रधानमंत्री जी का "मेक इन इंडिया "सफल होता दिख रहा है।

Unknown 16:54
बाज़ार में छाई देसी मूर्तियाँ.चीनी माल के विरोध का असर ,अपने  प्रधानमंत्री जी का "मेक इन इंडिया "सफल होता दिख  रहा है। 


भारत :- दीपावली के लिए सजे बाजारों से इस बार चीन से आने वाली लक्ष्मी-गणेश की लगभग मूर्तियां गायब ही हो गई हैं। इस बार भारतीय मूर्तिकारों ने चीन से बेहतर फिनिशिंग वाली मूर्तियों से भारत  के बाज़ारों को भर दिया है। शहर के पुराने थोक व्यापारियों के मुताबिक चीनी सामान के भारत में विरोध की वजह से इनकी डिमांड बढ़ रही है। पहले दीपावली पर मिलने वाली मूर्तियों के बाजार पर चीन का 60-70 फीसदी कब्जा था, जो इस बार घटकर 10 फीसदी पर आ गया है।

जानकारों के मुताबिक पिछले कुछ साल से दीपावली पर देवी-देवताओं की मूर्तियों के बाजार पर चीन का दबदबा था। ग्राहक भी बेहतर फिनिशिंग और कम दाम वाली चीनी मूर्तियों की मांग करते थे। लेकिन चीन के बढ़ते विरोध की वजह से हालात बदलने लगे हैं। इस बार भारतीय मूर्तियों और भारतीय सामान की डिमांड ज्यादा है।  एक व्यापारी के मुताबिक इस बार एक अच्छा रुख दिखाई दे रहा है। चीन को शिकस्त देने के लिए इस बार भारतीय मूर्तिकारों ने अट्रैक्टिव और बेहतर फिनिशिंग वाली मूर्तियों का बाजार में ढेर लगा दिया है।  मेरठ भी मूर्तियों का बड़ा केंद्र है, जहां से मूर्तियां दिल्ली और आसपास के राज्यों में आती हैं।
दिवाली  विशेष बाजार में इस बार 100 रुपए से 5,000 रुपए तक की मूर्तियां हैं। व्यापारियों के मुताबिक भारतीय मूर्तिकार अब चीन की टेक्निक और आर्ट को समझ चुके हैं। अब वे चीन की टक्कर के प्रोडक्ट पेश कर रहे हैं। इसकी वजह से मूर्तियों के बाजार पर चीन का हिस्सा 60-70 फीसदी तक पहुंच गया था, लेकिन इस बार यह सिर्फ 10 फीसदी तक रह गया है।
अपने  प्रधानमंत्री जी का "मेक इन इंडिया "सफल होता दिख  रहा है। 




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