रूस भारत का मित्र था, मित्र है , और भारत का ही मित्र रहे गा।
कुछ दिन पहले रूस ने पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास किया तो कहा जाने लगा कि रूस जो कि भारत का सबसे पुराना मित्र देश है, उसका अब भारत से मोहभंग हो रहा है l मोदी और पुतिन की दोस्ती के बाद भी रूस का पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास करना चर्चा का विषय बना रहा। इन सब ख़बरों के बाद पाकिस्तान को लगने लगा कि रूस के साथ सैन्य अभ्यास करके वो भारत को रूस से दूर कर रहा है। हालाँकि उस सैन्य अभ्यास के दौरान ही रूस ने साफ कर दिया था कि पाकिस्तान के साथ हो रहा सैन्य अभ्यास POK में नही हो रहा।
रूस की तरफ से कहा गया हम ऐसे किसी भी क्षेत्र में सैन्य अभ्यास नही कर रहे जिससे भारत को परेशानी हो। इन सबके कुछ दिन बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की और पाक के कब्जे वाले कश्मीर में छिपे आतंकी मार गिराए। जिस पर पूरी दुनिया ने भारत का समर्थन किया यहाँ तक कि चीन ने भी पाकिस्तान का खुलकर समर्थन नही किया, लेकिन जिस तरीके से इन सबके बाद रूस ने भारत का साथ दिया है वो पाकिस्तान की नींद उड़ा देगा। बल्कि रूस की तरफ से यहाँ तक कहा गया कि पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य अभ्यास से भारत को ही फायदा होगा।
हम भारत के साथ हैं
18 सितंबर को पाकिस्तान की तरफ से भारतीय सेना के उरी शिविर पर हुए हमले में 19 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे, जिसके बाद मोदी सरकार पर दबाव बढ़ने लगा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया जाय। भारत ने जवाबी कार्रवाही भी की और सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान 50 से भी ज्यादा आतंकी मार गिराए l इस सर्जिकल स्ट्राइक पर दुनिया के लगभग सभी देशों ने भारत के इस कदम की सराहना की,
लेकिन रूस ने खुलकर भारत का साथ दिया और उरी हमले के बारे में यहाँ तक कह दिया कि “हमलावर पाकिस्तान से ही आए थे। ”
भारत में रूस के राजदूत एलेक्जेंडर एम. कदाकिन ने कहा कि:-
“जो लोग कश्मीर की बात करते हैं और कहते हैं कि मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, सच कहे तो मानवाधिकार तो तब हुआ जब भारत में पाकिस्तान से आए हमलावर सोते हुए सैनिकों को मार देते हैं l ऐसे में अगर कोई देश अपनी रक्षा के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करता है तो इसमें गलत क्या है, ये उस देश का अधिकार है। ” इतना ही नही रूस की तरफ से कहा गया कि ‘पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाना चाहिए। रूस के राजदूत ने कहा कि “आतंकवाद के जैसे मुद्दों पर हम हमेशा भारत के साथ हैं। ”
रूस ने इसलिए किया था पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास !
उरी हमले के बाद रूस ने पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास किया था जो कि काफी चर्चा का विषय बना था। सभी जानते हैं कि रूस और भारत में पुराना दोस्त है और समय-समय पर रूस ने भारत का सहयोग भी किया है। इसलिए रूस का पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास समझ से परे था, कि भारत के विरोधी देश के साथ रूस सैन्य अभ्यास कैसे कर सकता है ? इस बात की चर्चा ही हो रही थी कि रूस ने साफ कर दिया कि रूस ऐसा कोई कदम नही उठाएगा जिससे भारत को नुकसान हो। रूस ने ये भी साफ किया था कि पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास पाक अधिकृत कश्मीर में नही हो रहा है।
रूस ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास भारत के हित में था।
रूस के राजदूत एलेक्जेंडर एम. कदाकिन ने बताया कि रूस और पाक के बीच हुए सैन्य अभ्यास में रूस ने पाक सैनिकों को यही सिखाया कि भारत के खिलाफ हो रहे आतंकवादी गतिविधियों को कैसे रोका जा सकता है। इस बयान के बाद पाकिस्तान को बड़ा झटका लग सकता है जिसे आप कह सकते हैं कि मोदी की पाकिस्तान को अकेला करने की नीति सफल हो रही है।
पाकिस्तानियो इस लिये कहते है समय से पहले खुसी नहीं माननी चाहिये।
जय हिन्द।